Tuesday, July 7, 2009

अब एक एडिटर को मैनेजर की तरह भी काम करना होगा

प्रभात खबर के प्रधान संपादक हरिवंश से विष्णु राजगढ़िया की बातचीत

मीडिया विमर्श ( मार्च - मई, 2007)

आज अख़बारों को संपादक नहीं, मैनेज़र चाहिए
हरिवंश
मीडिया विमर्श के लिए प्रभात ख़बर के ही एक स्‍थानीय संपादक विष्‍णु राजगढ़ि‍या ने अपने प्रधान संपादक हरिवंश से पत्रकारिता के इस दौर में संपादक के बदलते अभिप्राय पर बात की। उसका एक ज़रूरी अंश हरिवंश जी की अनुमति से हम मोहल्‍ले में बांच रहे हैं। इस अंश में हरिवंश जी ने बताया है कि क्‍या संपादक की भूमिका और उसका काम आज भी वही है या समय के साथ इसमें कोई बदलाव आया है। अगर बदलाव आया हो, तो किस-किस दौर में, किस-किस तरह के बदलाव आये और उनकी क्‍या वजह रही।
http://mohalla.blogspot.com/2007/03/blog-post_4062.html
आधी से ज्यादा राशि नहीं हो पाएगी इस्तेमाल
रांची से विष्णु राजगढ़िया
वेब दुनिया

सूचना अधिकार से समृद्ध हुई पत्रकारिता
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विष्णु राजगढ़िया

मीडिया विमर्श (दिस.06 - फर.07)

एक संपादक के बतौर रघुवीर सहाय
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विष्णु राजगढ़िया
मीडिया विमर्श (मार्च - मई, 2007)