आज अख़बारों को संपादक नहीं, मैनेज़र चाहिए
हरिवंश
मीडिया विमर्श के लिए प्रभात ख़बर के ही एक स्थानीय संपादक विष्णु राजगढ़िया ने अपने प्रधान संपादक हरिवंश से पत्रकारिता के इस दौर में संपादक के बदलते अभिप्राय पर बात की। उसका एक ज़रूरी अंश हरिवंश जी की अनुमति से हम मोहल्ले में बांच रहे हैं। इस अंश में हरिवंश जी ने बताया है कि क्या संपादक की भूमिका और उसका काम आज भी वही है या समय के साथ इसमें कोई बदलाव आया है। अगर बदलाव आया हो, तो किस-किस दौर में, किस-किस तरह के बदलाव आये और उनकी क्या वजह रही।
http://mohalla.blogspot.com/2007/03/blog-post_4062.html
Tuesday, July 7, 2009
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