झारखंड की इंटर परीक्षा में रसोइया टोपर
झारखंड इंटरमीडिएट कौंसिल का इस वर्ष का परीक्षाफल चौंकाने वाला है। इंटरमीडिएट आटर््स में बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों में बेहद निर्धन पृष्ठभूमि वालों की बड़ी संख्या है। राज्य में आइए का टॉपर बनना संजीत महतो एक रसोइये का काम करते हुए अपनी पढ़ाई करता रहा। वह पुरलिया जिले के मुरगुमा का रहने वाला है। वह एक अच्छा एथलीट भी है। वह एक किसान परिवार से आता है और परिवार काफी तंगहाली से गुजारा करता है। वह रांची के चुटिया स्थित ग्रेट इंडिया लॉज के मेस में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए खाना बनाकर अपना गुजारा चलाता है। उसे कुल 379 अंक मिले हैं। इतने ही अंक लाकर धनबाद जिले के मैथन की फौजिया रहमान भी संयुक्त टॉपर बनी है। सेकेंड टॉपर नरगिस नाज के पिता गांव में ही एक छोटी सी खाद की दुकान चलाते हैं। नरगिस रांची जिले के चान्हो स्थित वीर बुधु भगत इंटर कॉलेज की छात्रा है।थर्ड टॉपर नीलम केरकेट्टा की मां ने लोकल ट्रेन में बैर-जामुन बेचकर बेटी को पढ़ाया और आज मां-बेटी खुश है कि शिक्षा के जरिये भविष्य संवर जायेगा। नीलम ने लापुंग थाना क्षेत्र के एक सुदूर गांव से प्रतिदिन साइकिल से दस किलोमीटर दूर लुथरेन इंटर कॉलेज आकर पढ़ाई की। राज्य की चौथी टॉपर सलमा खातून के पिता जुम्मन खां एक्साइज विभाग में ड्राइवर के बतौर कार्यरत हैं। सलमा रांची के उर्सलाइन इंटर कॉलेज की छात्रा है।राज्य की पांचवीं टॉपर रंजु कुमारी के पिता संतोष उरांव का 2003 में निधन हो गया था। इसके बाद रंजु की मां फागुनी देवी ने हड़िया बेचकर उसे पढ़ाया। रामगढ़ कॉलेज की रंजू कुमारी ने शादी के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रखकर यह मुकाम हासिल किया है। कोल्हान क्षेत्र में सेकेंड टॉपर का स्थान हासिल करने वाला शत्रुघन महतो हाट-बाजार में जूते-चप्पल बेचकर गुजारा चलाता है।
नई दुनिया, 04.06.2009 पेज 11
Wednesday, June 3, 2009
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1 comment:
बहुत खुशी का समाचार है। प्रतिभा की यही परिभाषा है।
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